बूढ़े के साथ बूढ़ी
और
जवान के साथ जवान
साइकिल की नींद में हैं
तीन चीज़
सड़क
पैर
हवा।
और
जवान के साथ जवान
साइकिल की नींद में हैं
तीन चीज़
सड़क
पैर
हवा।
सड़क की नींद में जूते
पैर की नींद में घास
हवा की नींद में पत्तियाँ
साइकिल किसी की नींद में नहीं।
जैसे कि
हमारे घर में अकेली साइकिल
और साइकिल के घर में
हम-सब।
अम्मा, बुआ और भाई-बहन
कुल मिलाकर नौ
एक साथ सबको ख़ुश नहीं कर पाती।
सिर्फ़ घंटी बजने जितनी मोहलत माँगने
मेहराबदार रास्तों में
बार-बार भटकी
इतनी-इतनी चढ़ाइयाँ
कि सड़क ढली
हवा रुकी
पैर थके
साइकिल नहीं थकी।
जब तक वह घर में है
बापू की यादगार है।
- शरद बिलौरे।
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प्रगति टिपणीस की पसंद
साईकल श्रम की सवारी है।उसमें सिर्फ बैठना काफी नही।उसे चलाना भी पड़ता है।अर्थात उसमें दो की सामर्थ्य लगती है।एक साईकल घर में हो तो घर भर में गति और प्रगति रहती है।वाह शरद बिल्लोरे
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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