गुरुवार, 12 दिसंबर 2024

आत्मा का गीत

मन के तसले में
रखी जा चुकी है
कच्ची सामग्री
खदबदाती 
और पक जाती

कहने को
घर उसका भी था
पर कहाँ था
वह कोना
जहाँ पकाती वह
अपनी कविता

जी लेती क्षण भर
और गा उठती
आत्मा का गीत।

- मेधा
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संपादकीय चयन