मंगलवार, 2 सितंबर 2025
बहनें
जब बाप गरज रहे होते हैं
बाप जैसे
माँ रो रही होती है
माँ जैसी
भाई खड़े रहते हैं
भाई जैसे
तब
कुछ भाई
कुछ माँ
कुछ बाप जैसी
प्रार्थना में
झुकी रहती हैं
बहनें
- विनोद कुमार श्रीवास्तव
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