शुक्रवार, 19 सितंबर 2025

इस्लाह

हमें भी एक दिन
एक दिन हमें भी
देना होगा जवाब
इसलिए
लिखें अगर डायरी
सही-सही लिखें
और अगर याचिका लिखनी है
लिखें समझ-बूझकर


लेकिन अगर चैन न हो हमारा आराध्य
और हम रह सकें बिना अनुताप के
तब न करें स्याह ये
धौले-उजले पन्ने!

- गिरधर राठी
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हरप्रीत सिंह पुरी की पसंद

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