सोमवार, 8 सितंबर 2025

दोस्त

जिन्हें
कहती है दुनिया दोस्त
चुटकियों में नहीं बनते

पहचाने जा सकते हैं
चुटकियों में

पड़ जाते है जो
एक ही आँच में लाल
दुनिया उन्हें
दोस्त नहीं मानती

दोस्ती
धीरे-धीरे तपती है
और
तपती ही जाती है
फिर पकती है कहीं
करोड़ों पलों के
मौन से गुज़रकर

मैं भी धीरे-धीरे
पकना चाहता हूँ।

- अनिल करमेले
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विजया सती की पसंद 

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