सोमवार, 1 सितंबर 2025

कविता के अरण्य में

यदि तुम देख सको
कविता में उगता है एक पेड़
उस पर बैठती है एक नन्हीं चिड़िया
यदि तुम सुन सको
यहाँ बहती है एक नदी
अपने ही दुखों से सिहरती

कविता के अरण्य में 
कवि बहुत हैं
मनुष्य तुम्हें खोजने होंगे।

- रश्मि भारद्वाज 
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विजया सती की पसंद 

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