शनिवार, 13 सितंबर 2025

लौटना

जाने के कई रास्ते होते हैं 
लौटने का सिर्फ एक रास्ता होता है 
रास्तों को खुशबू से पहचानना पड़ता है 
खुशबू पहचानने के लिए 
वक्त की देह से लिपट जाना पड़ता है 
अगर खुशबू को नहीं पहचान पाए 
तो लौटना मुश्किल हो जाता है 

- श्रीधर करुणानिधि 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें