रविवार, 4 फ़रवरी 2024
एकांत
तुमने जो समर्पित किया
वह अंधकार में
दीपक की भाँति है
तुम्हारे प्रकाश में
रहूँगा प्रकाशित
एकांत में!
- अभिषेक जैन।
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