ज्यादा मत हँसा कर
नहीं तो दुख पाऐगी
बरजती थी माँ
छोटी बहन को
अब नहीं हँसती बहन
उस तरह से
जिस तरह से
खिलखिलाती
उड़ रही है भानजी
बल्कि डाँटती है-
"नासपीटी
बंद कर
ज्यादा खिलखिलाएगी तो जीते जी मर जाएगी" और उदास हो जाती है
ना जाने किन स्मृतियों में खो जाती है।
- विनोद पदरज
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- हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से
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