रविवार, 13 अप्रैल 2025

टूटा पहिया

मैं 
रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ 
लेकिन मुझे फेंको मत ! 

क्या जाने कब 
इस दुरूह चक्रव्यूह में 
अक्षौहिणी सेनाओं को चुनौती देता हुआ 
कोई दुस्साहसी अभिमन्यु आकर घिर जाय ! 

अपने पक्ष को असत्य जानते हुए भी 
बड़े-बड़े महारथी 
अकेली निहत्थी आवाज़ को 
अपने ब्रह्मास्त्रों से कुचल देना चाहें 
तब मैं 
रथ का टूटा हुआ पहिया 
उसके हाथों में 
ब्रह्मास्त्रों से लोहा ले सकता हूँ ! 
मैं रथ का टूटा पहिया हूँ 

लेकिन मुझे फेंको मत 
इतिहासों की सामूहिक गति 
सहसा झूठी पड़ जाने पर 
क्या जाने 
सच्चाई टूटे हुए पहियों का आश्रय ले !

 -धर्मवीर भारती

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-हरप्रीत सिंह पुरी की पसंद 

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