सोमवार, 28 अप्रैल 2025

चौराहा और पुस्तकालय

चौराहे पर खड़ा आदमी
बरसों से,
खड़ा ही है चौराहे पर
टस से मस भी नहीं हुआ!
जबकि—
पुस्तकालय में खड़ा आदमी
खड़े-खड़े ही पहुँच गया
देश-दुनिया के कोने-कोने में
जैसे हवा-सूरज, धूप-पानी
और बादल
फिर भी देश में
सबसे अधिक हैं चौराहे ही।


- खेमकरण ‘सोमन’ 

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-हरप्रीत सिंह पुरी की पसंद 

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