शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025

हिंदुस्तान सबका है

 न मेरा है न तेरा है ये हिन्दुस्तान सबका है

नहीं समझी गई ये बात तो नुक़सान सबका है


हज़ारों रास्ते खोजे गए उस तक पहुँचने के

मगर पहुँचे हुए ये कह गए भगवान सबका है


जो इसमें मिल गईं नदियाँ वे दिखलाई नहीं देतीं

महासागर बनाने में मगर एहसान सबका है


ज़रा-से प्यार को खुशियों की हर झोली तरसती है

मुक़द्दर अपना-अपना है, मगर अरमान सबका है


'उदय' झूठी कहानी है सभी राजा और रानी की

जिसे हम वक़्त कहते हैं वही सुल्तान सबका है


- उदय प्रताप सिंह

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- हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से 

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