गुरुवार, 3 अप्रैल 2025
चाँद
खिड़की के रास्ते
उस दिन
चाँद मेरी देहली पर
मीलों की दूरी नापता
तुम्हें छूकर आया
बैठा
मेरी मुँडेर पर
मैंने हथेली में भींचकर
माथे से लगा लिया।
- सुदर्शन प्रियदर्शिनी
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हरप्रीत सिंह पुरी की पसंद
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