सोमवार, 16 सितंबर 2024

आधा चाँद

पूरी रात के लिए मचलता है 
आधा समुद्र 

आधे चाँद को मिलती है पूरी रात 
आधी पृथ्वी की पूरी रात 
आधी पृथ्वी के हिस्से में आता है 
पूरा सूर्य 
आधे से अधिक 
बहुत अधिक मेरी दुनिया के करोड़ों-करोड़ लोग 
आधे वस्त्रों से ढाँकते हुए पूरा तन

आधी चादर में फैलाते हुए पूरे पाँव
आधे भोजन से खींचते पूरी ताकत 
आधी इच्छा से जीते पूरा जीवन 
आधे इलाज की देते पूरी फीस
पूरी मृत्यु 
पाते आधी उम्र में।

आधी उम्र, बची आधी उम्र नहीं 
बीती आधी उम्र का बचा पूरा भोजन 
पूरा स्वाद
पूरी दवा
पूरी नींद 
पूरा चैन
पूरा जीवन 

पूरे जीवन का पूरा हिसाब हमें चाहिए 

हम नहीं समुद्र, 
नहीं चाँद, 
नहीं सूर्य 
हम मनुष्य, हम - 
आधे चौथाई या एक बटा आठ
पूरे होने की इच्छा से भरे हम मनुष्य।

- नरेश सक्सेना 
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अनूप भार्गव की पसंद 

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