रविवार, 28 अप्रैल 2024

आम और पत्तियाँ

टोकरी में रखे आम 
याद तो करते होंगे 
पत्तियों के संग-साथ को 
क्या कभी जाना है तुमने 
आम और पत्तियों का अंतर्संबंध? 
साथ-साथ हवा में झूमे, चहके-महके 
बारिश में नहाए, एक साथ बौराए 
शाख़ से टपकते आम के लिए 
अकुलाती तो होंगी पत्तियाँ 
पत्थर की चोट खाकर 
आह के साथ बिछुड़ते 
आम के लिए 
दुख से कराहती हैं पत्तियाँ 
कभी आम की मिठास में 
चखो तो सही तुम 
पत्तियों की पीड़ा!

- मुकेश निर्विकार।
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संपादकीय चयन 

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