मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025

नहीं रहता

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता 
किसी भी आइने में देर तक चेहरा नहीं रहता 

बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना 
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता 

हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में 
अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता 

तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नए अंदाज़ वाला है
हमारे शहर में भी अब कोई हम-सा नहीं रहता

मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है 
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता 

कोई बादल हरे मौसम का फिर ऐलान करता है
ख़िज़ाँ के बाग़ में जब एक भी पत्ता नहीं रहता

- बशीर बद्र
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हरप्रीत सिंह पुरी की पसंद 

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