किया है अपने को बर्बाद, शेर कहने लगे
जब आ गई है तेरी याद, शेर कहने लगे
ये नहर दूध की हम भी निकाल सकते हैं
मज़ा तो जब है के फ़रहाद शेर कहने लगे
न देख इतनी हिक़ारत से हम अदीबों को
न जाने कब तेरी औलाद शेर कहने लगे
बड़े बड़ों को बिगाड़ा है हमने ऐ ‘राना’
हमारे लहज़े में उस्ताद शेर कहने लगे
- मुनव्वर राना
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