कविता को इतना सरल होना चाहिए
जितनी मुस्कान की भाषा
जितनी मुस्कान की भाषा
कवि को भी इतना सरल होना चाहिए
जितना दस का पहाड़ा
जितना दस का पहाड़ा
कविता और उसके कवि के लिए
दुनिया को इतना सरल होना चाहिए
जितना मेरे लिए तुम।
दुनिया को इतना सरल होना चाहिए
जितना मेरे लिए तुम।
- दीपिका ध्यानी घिल्डियाल।
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विजया सती के सौजन्य से
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