गुरुवार, 30 नवंबर 2023

एक कम है

अब एक कम है तो एक की आवाज कम है
एक का अस्तित्व एक का प्रकाश
एक का विरोध
एक का उठा हुआ हाथ कम है
उसके मौसमों के वसंत कम हैं
एक रंग के कम होने से
अधूरी रह जाती है एक तस्वीर
एक तारा टूटने से भी वीरान होता है आकाश
एक फूल के कम होने से फैलता है उजाड़ सपनों के बागीचे में
एक के कम होने से कई चीजों पर फर्क पड़ता है एक साथ
उसके होने से हो सकने वाली हज़ार बातें
यकायक हो जाती हैं कम
और जो चीज़ें पहले से ही कम हों
हादसा है उनमें से एक का भी कम हो जाना

मैं इस एक के लिए
मैं इस एक के विश्वास से
लड़ता हूँ हज़ारों से
खुश रह सकता हूँ कठिन दुखों के बीच भी
मैं इस एक की परवाह करता हूँ।

- कुमार अंबुज।
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विजया सती के सौजन्य से 

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