प्यार किया तुम्हें
जैसे मिट्टी करती है
बीज से प्यार
और अंकुरित होता है एक पौधा
प्यार किया तुम्हें
जैसे राहगीर करता है
रास्तों से प्यार और
भर लेता है झोलियों में सफ़र
प्यार किया तुम्हें
जैसे सूरज करता है
धरती से प्रेम
और शरद की दुपहरी
जगमगा उठती है
प्यार किया तुम्हें
जैसे पूस की ठिठुरती रात में
अलाव से करती हैं प्यार
ठिठुरती हथेलियाँ
समेटती हैं ज़िंदगी में भरोसे की ऊष्मा
- प्रतिभा कटियार।
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विजया सती के सौजन्य से
शानदार. ...
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