शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

प्यार किया तुम्हें

प्यार किया तुम्हें
जैसे मिट्टी करती है 
बीज से प्यार 
और अंकुरित होता है एक पौधा 

प्यार किया तुम्हें 
जैसे राहगीर करता है 
रास्तों से प्यार और 
भर लेता है झोलियों में सफ़र 

प्यार किया तुम्हें 
जैसे सूरज करता है 
धरती से प्रेम 
और शरद की दुपहरी 
जगमगा उठती है

प्यार किया तुम्हें 
जैसे पूस की ठिठुरती रात में 
अलाव से करती हैं प्यार 
ठिठुरती हथेलियाँ 
समेटती हैं ज़िंदगी में भरोसे की ऊष्मा

- प्रतिभा कटियार।
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विजया सती के सौजन्य से 

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