बुधवार, 20 दिसंबर 2023

शरद

जा चुका बालापन
यौवन की दहलीज़ पर है शरद
नहीं पूनो, चौदस की रात
हवा में हल्की-सी ख़ुनकी
प्यार का जग रहा
जैसे पहला एहसास।

- नंदकिशोर आचार्य।
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संपादकीय चयन 

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