मंगलवार, 19 दिसंबर 2023

ओस की बूंद कहती है

ओस-बूंद कहती है, लिख दूँ
नव-गुलाब पर मन की बात।

कवि कहता है, मैं भी लिख दूँ
प्रिय शब्दों में मन की बात।

ओस-बूंद लिख सकी नहीं कुछ
नव-गुलाब हो गया मलिन।

पर कवि ने लिख दिया ओस से
नव-गुलाब पर काव्य नवीन।

- केदारनाथ अग्रवाल।
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संपादकीय चयन 

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