गुरुवार, 23 नवंबर 2023

चुप रहो या बोलो

या तो चुप रहो 
या बोलो 
या तो बोलो 
या चुप रहो। 

बोलो तो इस तरह 
कि भीतर की चुप्पियों 
तक ले जाए 
बोलना। 

रहो चुप तो इस तरह 
कि भीतर की चुप्पियाँ 
गहरी, 
अथाह, बोलें।

- प्रयाग शुक्ल।

2 टिप्‍पणियां: