मंगलवार, 14 नवंबर 2023

पिता कथित ईश्वर नहीं

पिता कथित ईश्वर नहीं 
जो दिखाई ही नहीं देता
पिता आकाश भी नहीं है
जो कुछ उगाता नहीं

पिता एक पेड़ होता है
जो बीज से पौधा बना है 
पिता होना एक यात्रा है
अनुभव भी है

पिता पेड़ बन रहे बीज को थपकी देता है
धौल और छाँव भी देता है
ठूँठ होने से पहले ज़मीन तैयार करता है
यात्री भी बनाता है

पिता बीज़ों के लिए खाद है
बीज भी है
जो उगता भी है
पिता कथित ईश्वर नहीं 
जो दिखाई ही नहीं देता

- मनोहर चमोली मनु।
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विजया सती के सौजन्य से 

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