मंगलवार, 14 जनवरी 2025

सफ़र

रात में सागर की लहरों की
लंबी नावों पर फिरता हूँ
और सबेरे चट्टानों की भीड़ में
वीरान अरमानों में फिरता हूँ।

- अंकुर मिश्र
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संपादकीय चयन 

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