उन्हें
पसंद नहीं
फूलों
से भरी हुई घाटियाँ
खुश्बुओं
से महकती हुई घाटियाँ
हरियाली
से
लहलहाती
और झूमती हुई घाटियाँ
वे
वहाँ पर
बारूदों
की दमघोंटू गँध भर कर
उसे
उजाड़े जाने
और
जलाये जाने का
जश्न
मनाते हैं
क्योंकि
उन्हें पसंद नहीं
फूलों
पर मड़राती हुईं तितलियाँ
गुनगुनाती
हुई
अपनी
भाषा में
कुछ
गाती हुईं मधुमक्खियाँ
वे
उसे
भिनभिनाना
कहते हैं
उन्हें
पसंद नहीं
यूँ
मधुमक्खियों का प्रेम प्रदर्शन
एकता
का आह्वान
सामूहिकता
का गान
उन्हें
पसंद नहीं
दूर
दूर तक फूलों का खिलना
उससे
रस लेना
छत्ते
बनाना
सामूहिकता
के पर्याय का जीवंत होना
तो
उन्हें कतई पसंद नहीं
- -- ओम प्रकाश अमित
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'बिजूका' ब्लॉग स्पॉट से साभार
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