केवल अशोक लौट रहा है
और सब
कलिंग का पता पूछ रहे हैं
केवल अशोक सिर झुकाए हुए है
और सब
विजेता की तरह चल रहे हैं
गूँज रही है
और सब
हँसते-हँसते दोहरे हो रहे हैं
केवल अशोक ने शस्त्र रख दिए हैं
केवल अशोक
लड़ रहा था।
- श्रीकांत वर्मा।
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कुमार अनुपम की पसंद
अत्यंत प्रभावशाली।
जवाब देंहटाएंअनुपम
जवाब देंहटाएंगहन भावबोध की कविता।
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