सोमवार, 10 जून 2024
मैं
मैं एक भागता हुआ दिन हूँ
और रुकती हुई रात
मैं नहीं जानता हूँ
मैं ढूँढ़ रहा हूँ अपनी शाम
या ढूँढ़ रहा हूँ अपना प्रात!
- श्रीकांत वर्मा
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