सोमवार, 24 जून 2024
ख़ामोशी
मरने से ठीक पहले
वह चीखा भर होता
तो शायद बच सकता था
सिर्फ़ बचे रहने के लिए
वह उम्र भर ख़ामोश रहा
- हूबनाथ पांडेय
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हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से
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