नक्शा बहुत साफ़ था
मेरे मन में था
मैं चाहता था
वह निर्दोष साबित हो
क्योंकि वह निर्दोष था
और इसीलिए यह साबित करना
बहुत मुश्किल था।
मेरे मन में था
मैं चाहता था
वह निर्दोष साबित हो
क्योंकि वह निर्दोष था
और इसीलिए यह साबित करना
बहुत मुश्किल था।
- हरीश करमचंदाणी
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हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से
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