शुक्रवार, 14 जून 2024

अनजान होना

चिड़िया को नहीं मालूम कितना मीठा गाती है
मोगरा भी है बेखबर अपनी महक से
और हवा जो बहती रहती हरदम
नहीं पता उसे कितनी ज़रुरी है वह
और आदमी जो जानता इतना इतना

अनजान होना हमेशा बुरा तो नहीं होता

- हरीश करमचंदाणी
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हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से 

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