पहला अक्षर बनाने की बाध्यता थी
फिर-फिर यही करना
आख़िरी अक्षर को
पहला अक्षर बनाकर
बड़ी सावधानी से गाना
सो, अपने हर दुख को
पूरी मस्ती से गाया मैंने
आख़िरी मानकर
इसी विधि उसे पहले सुख में बदला हमेशा
बरसों से चल रही है इसी तरह
यह अंत्याक्षरी प्रतियोगिता
- हरि मृदुल
--------------
संपादकीय चयन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें