शनिवार, 13 जुलाई 2024

कायाकल्प

देखते ही देखते
मेरी आँखों के सामने
ए० टी० एम० मशीन
सुंदरी राजकन्या बन गई।
मैंने उसे बाँहों में भर लिया।
सुंदरी राजकन्या ने
मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
और मैं ए० टी० एम० मशीन बन गया।

- उज्ज्वल भट्टाचार्य
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हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से 

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