मंगलवार, 30 जुलाई 2024

चाय

आओ बैठें साथ-साथ
और चाय पिएँ,
बस इतना ध्यान रखना
कप ऊपर तक मत भर देना,
कप में थोड़ी-सी चाय रहे
थोड़ी जगह खाली रहे
खाली जगह थोड़ी-सी मेरी
खाली जगह थोड़ी तुम्हारी
ताकि तुम तुम रह सको,
मैं मैं रह सकूँ,

थोड़ी-सी चाहत बाकी रहे
एक और कप चाय की
और तुम्हारे साथ की!

- नूपुर अशोक
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हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से 

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