मंगलवार, 22 जुलाई 2025

मजदूरी से प्रेम


मैं एक मनुष्य था 

मैं एक कवि था 

मुझमें कहीं एक उपन्यासकार भी था 

लेकिन मुझमें कहीं एक मजदूर भी था


अगर यह मजदूर नहीं होता 

तब मैं भूख से मर जाता।

 

 - अविनाश मिश्र

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-विजया सती के सौजन्य से

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