जैसे-जैसे लड़की बड़ी होती है
उसके सामने दीवार खड़ी होती है
क्रांतिकारी कहते हैं, दीवार तोड़ देनी चाहिए
पर लड़की है समझदार और संवेदनशील
पर लड़की है समझदार और संवेदनशील
वह दीवार पर लगाती है खूँटियाँ
पढ़ाई-लिखाई और रोज़गार की
पढ़ाई-लिखाई और रोज़गार की
और एक दिन धीरे से उन पर पाँव धरती
दीवार के दूसरी तरफ पहुँच जाती है।
दीवार के दूसरी तरफ पहुँच जाती है।
- ममता कालिया।
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विजया सती की पसंद
दीवार का बहुत ही सशक्त बिम्ब...!
जवाब देंहटाएंवह हर उस कठिनाई को अपनी ज़िद और जिजीविषा से पार कर लेती है और उसे ही अपनी सीढ़ी बना सफलता हासिल करती है...!
एक बेहतरीन क्षणिका...!!!