बुधवार, 4 अक्तूबर 2023

ग़ज़ल

सौमेंसत्तरआदमीफ़िलहालजबनाशादहैं

दिलरखकरहाथकहिएदेशक्याआज़ादहै


कोठियोंसेमुल्ककेमेआरकोमतआँकिए
असलीहिंदुस्तानतोफुटपाथपरआबादहै

जिसशहरमेंमुंतज़िमअंधेहोंजल्वागाहके
उसशहरमेंरौशनीकीबातबेबुनियादहै

येनईपीढ़ीपेनिर्भरहैवहीजजमेंटदे
फ़लसफ़ागाँधीकामौजूँहैकिनक्सलवादहै

यहग़ज़लमरहूममंटोकीनज़रहैदोस्तों
जिसकेअफ़सानेमेंठंडेगोश्तकीरूदादहै

- अदम गोंडवी।
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