सौमेंसत्तरआदमीफ़िलहालजबनाशादहैं
दिलरखकरहाथकहिएदेशक्याआज़ादहै
कोठियोंसेमुल्ककेमेआरकोमतआँकिए
असलीहिंदुस्तानतोफुटपाथपरआबादहै
जिसशहरमेंमुंतज़िमअंधेहोंजल्वागाहके
उसशहरमेंरौशनीकीबातबेबुनियादहै
येनईपीढ़ीपेनिर्भरहैवहीजजमेंटदे
फ़लसफ़ागाँधीकामौजूँहैकिनक्सलवादहै
यहग़ज़लमरहूममंटोकीनज़रहैदोस्तों
जिसकेअफ़सानेमेंठंडेगोश्तकीरूदादहै
- अदम गोंडवी।
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संपादकीय पसंद
वाह ,बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया, समाज पर तंज कसता एक एक शेर।
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