सोमवार, 10 मार्च 2025

छोटी-सी इच्छा


तारों से लबालब
भरे आसमान को
दिल में समाने के लिए
आसमान से बड़ा दिल नहीं
प्रेम से लबालब भरा हुआ
एक छोटा-सा दिल चाहिए होगा
पूरी पृथ्वी को समाने के लिए
पृथ्वी से बड़ी इच्छा नहीं
चाहिए होगी
प्रेम कर पाने की
एक छोटी-सी इच्छा!

-  मुदित श्रीवास्तव

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- हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से 

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