गुरुवार, 27 मार्च 2025

आवाज दो

आज तुम

इस शाम

मुझे

इस अंधियारे

में उसी नाम

से पुकारो

जिस नाम से

पहली बार

तुम ने

बुलाया था

ताकि मैं

वही पुरानी

हूक में

डूब कर

सारा मालिन्य

धो कर

तुम्हारी आवाज पर

फिर से

लौट पाऊँ । 


 - सुदर्शन प्रियदर्शिनी

-----------------------

हरप्रीत सिंह पुरी के सौजन्य से 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें