रविवार, 9 मार्च 2025

इश्तेहार

 उसने उसकी गली नहीं छोड़ी

अब भी वहीं चिपका है

फटे इश्तेहार की तरह

अच्छा हुआ मैं पहले

निकल आया

नहीं तो मेरा भी वही हाल होता।


- विश्वनाथ प्रताप सिंह 

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- हरप्रीत  सिंह पुरी की पसंद 

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