बहुत कुछ हुआ इस छोटे से इलाके की
छोटी-सी भाषा में
जो अब मृत भाषाओं की सूची में है
पूरा महाभारत हुआ ज़िंदगी का
मुख्य भाषा के साहित्य में मगर
अनलिखे, अनदिखे रहे वे लोग
जो सिर्फ़ अपनी भाषा में जी-मर रहे थे ।
छोटी-सी भाषा में
जो अब मृत भाषाओं की सूची में है
पूरा महाभारत हुआ ज़िंदगी का
मुख्य भाषा के साहित्य में मगर
अनलिखे, अनदिखे रहे वे लोग
जो सिर्फ़ अपनी भाषा में जी-मर रहे थे ।
- लीलाधर जगूड़ी
------------------
- हरप्रीत सिंह पुरी की पसंद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें