सिर पर
गेहूँ की बोरी लादकर
गाँव का आदमी उतरता है शहर में,
गेहूँ की बोरी लादकर
गाँव का आदमी उतरता है शहर में,
शहर
गेहूँ की बोरी उसके सिर से उतारता है
आदमी को पीसता है
और खा जाता है।
- अंजुम शर्मा
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